बच्चो के सपनो में,परियों की दुआ दीजिये
विवेक रंजन श्रीवास्तव
ओ बी ११ , विद्युत मण्डल कालोनी
रामपुर
जबलपुर
बच्चो के सपनो में,परियों की दुआ दीजिये
नींद चैन की मेरे बच्चों की लौटा दीजिये
प्यार का पाठ पढ़ना , यदि अपराध हो
तो सबसे पहले हमको ही सजा दीजिये
नहा आये हैं ,पहने हैं कपड़े झक सफेद
गुलाल प्यार का थोड़ा सा लगा दीजिए
रोशनी की किरण खुद ही चली आयेगी
छेद छोटा सा छत में , बस करा दीजिये
फैला रहा है मुस्कराकर, खुश्बू हवाओ में
इस फूल के पौधे चार, और लगा दीजिये
न बनें नक्सलवादी , न कोई आत्मघाती
इंसानी नस्ल में ,आदमी ही रहने दीजिये