सोमवार, 29 सितंबर 2008

गाँधी जंयती पर ईद है इस बार ....

बादलों की ओढ़नी थोड़ा हटाकर
चाँद ने सबसे कहा कल ईद है
पैगाम है यह आसमां से धरती सुने
अंत हो आतंक का , हल ईद है
ईद मुबारक ............विवेक रंजन श्रीवास्तव