मंगलवार, 15 सितंबर 2009

देवी गीत

देवी गीत
प्रो सी बी श्रीवास्तव विदग्ध
ओ बी ११ , विद्युत मण्डल कालोनी , रामपुर ,जबलपुर म.प्र.



लगता अच्छा बहुत है यहां मां ! दूर दुनियां से मंदिर में आ के
करके दर्शन तुम्हारे , तुम्हें मां , अपने मन की व्यथा सब सुना के

शांति पाते हैं वे सब दुखी जन , जो भी आते शरण मां तुम्हारी
कही सुख शांति मिलती नही है, देख ली खूब दुनियां ये सारी
बेसहारों को और चाहिये क्या ? मां , तुम्हारी कृपा दृष्टि पा के


जहां तक यहां जाती निगाहें , दिखता रमणीक वातावरण है
बांटती मधुर आलोक सबको , कलश की ज्योति शुभ किरण है
सभी आनन्द भरपूर पाते , छबि तुम्हारी हृदय में बसा के


मन में श्रद्धा औ" आशा संजोये, जग से हारे या किस्मत के मारे
हाथ में लिये पूजा की थाली , आ के दरबार में मां तुम्हारे
तृप्ति पाते हैं जल धूप चंदन फूल फल दीप सब कुछ चढ़ा के

जगाते नये आभास पावन , पूजा व्रत सात्विकी भावनायें
मधुर विश्वास देती हैं मन को , समर्पण भाव की प्रार्थनायें
प्रेम पुलकित हो जाता हृदय है , माता अनुराग के गीत गा के

लगता अच्छा बहुत है यहां मां ! दूर दुनियां से मंदिर में आ के
करके दर्शन तुम्हारे , तुम्हें मां , अपने मन की व्यथा सब सुना के

1 टिप्पणी:

ACHARYA RAMESH SACHDEVA ने कहा…

बहुत खूब
माँ के द्वार की महिमा करे कोई तो उसमें दम है।
हे माँ तेरी सूरत से ही मिलता दुनियां को चलने का दम है।
रमेश सचदेवा `आचार्य´
एचपीएस सीनियर सैकेण्डरी स्कूल
शेरगढ, मंडी डबवाली
hpsshergarh@gmail.com