गुरुवार, 10 नवंबर 2011

हो सहकार , तो उद्धार !

हो सहकार , तो उद्धार !

विवेक रंजन श्रीवास्तव
ओ.बी. 11, एमपीईबी कालोनी
रामपुर, जबलपुर ४८२००८
मो.9425806252


कुछ तुम करो , कुछ हम करें
संग साथ सब बढ़ें !

व्यक्ति हो तो एक हो , समूह में ही शक्ति है
काम बांट कर करें !

कण स्वतंत्र धूल है ,मिलें , सनें और बंधें
मूर्त रूप हम गढ़ें !

बिंदु बिंदु गुम हुये , ढ़ूंढ़ने से न मिलें
मिल गये तो चित्र हैं !

हर्फ हर्फ अर्थ बिन , बस महज हर्फ हैं
संग हुये तो शब्द हैं , वाक्य और निबंध हैं !

अलग हैं तो पृष्ठ हैं , फूंकने से जो उड़ें
किताब क्यूं न हम बनें ?

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