मन मेरा मैला , फिर फिर हो जाता है
क्षमा शील हो तुम मां
मां ! क्षमा करो
मैं दुनियावी , फिर फिर अपराध किये जाता हूं
दया वान हो तुम मां
मां ! दया करो
व्रत, त्याग, तपस्या सधती न मुझे , फिर मंदिर आता हूं
बेटा तो तेरा ही हूं मां
मां कृपा करो
विवेक रंजन श्रीवास्तव विनम्र
ओ बी ११ , विद्युत मण्डल कालोनी , रामपुर , जबलपुर म.प्र. ४८२००८
मो. ००९४२५८०६२५२
1 टिप्पणी:
जैसे क्राइम की दुनिया में कहा जाता है , और हिन्दी फिल्मो के भरोसे हम सब जानते हैं कि हत्यारा एक बार सबूत मिटाने के लिये घटना स्थल पर जरूर लौटता है , या प्रेम की दुनिया से उदाहरण लें तो हम जानते हैं कि प्रेमी जोड़ा फर्स्ट मीटींग पाइंट पर जब तब फिर फिर मिलता रहता है ...कुछ उसी तरह ब्लागर अपनी पोस्ट पर एक बार जरूर फिर से आता है , टिप्पणियां देखने के लिये ....तो मैं भी यहां हूं .. टिप्पणी करके लेखक का मनोबल बढ़ाने का सारस्वत कार्य ati aavashayak हैं ...
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