मंगलवार, 26 अगस्त 2008

चौखानों में अखबार के ,कल छपी ऐसी पहेली



पहेली
विवेक रंजन श्रीवास्तव
सी ६ , विद्युत मंडल कालोनी , रामपुर , जबलपुर
मो. ०९४२५४८४४५२
ई मेल vivek1959@yahoo.co.in
blog http://vivekkikavitaye.blogspot.com
पहले अण्डा हुआ या हुई मुर्गी है पहेली
उत्तर कुछ भी दो उत्तर खुद है एक पहेली
कई गुरुओ ने हैं ढ़ूँढ़े जिंदगी भर हल मगर
जिंदगी फिर भी है , अनसुलझी सी पहेली
शब्द फिर कम पड़ गये,स्मृति के भण्डार के
चौखानों में अखबार के ,कल छपी ऐसी पहेली
हर शख्स है देता जबाब अपने ही अंदाज में
हल कई जिसके सही हैं जिंदगी ऐसी पहेली
डोर है उलझी हुई , पतंग है परवान पर
ढ़ील देनी है जरूरी छोर माँजे का पहेली
मासूम हैं वो या कि है, ये उनकी अदा
मासूमियत उनकी बनी है कैसी पहेली



......................vivek ranjan shrivastava

कोई टिप्पणी नहीं: